Thursday, January 30, 2014

सूचना कय हक (अवधी)


सूचना हम सवलोगन कय अधिकार

सुशासन अउर विकास कय अधार


सूचना कय हक, काहे ?
सरकारी कर्मचारी के तलब÷तनखाह अउर सरकारी कार्यालय के खर्च हम लोगेन केद्वारा दिया गवा कर से चलत हय ।
बजार से कौनव समान खरीदयक अउर कौनव सेवा लिहेपर हम लोगनकैहा कर देयक परत हय ।
हमलोग दिया गवा कर कौन सेवा काम काज मैहा, कहा अउर कसकय खर्च होत हय उका
जानयक आप सब कय अधिकार हय ।
(यही मारे कि (एकरे नाते कि))
लोकतन्त्र मैहा जनता मालिक होत हय, अउर सरकार नौकर होत हय । उनका जनतन कय सेवा करयक परत हय । सरकार आपन काम कसकय करत हय, उ आपका जानयक चाही । सूचना कय हक (अधिकार) जनता कय सरकार से हर हिसाब अउर काम कारवाही के वारे मेहा सूचना मागयक अउर जानकारी पावैक अधिकार दिहिय हय । अउर सूचना मागैक उपाय सिखावत हय । नेपाल मैहा सूचना कय हक सम्बन्धी ऐन, २०६४ साल भादव महिना से लागू भवा हय ।



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सूचना कय हक, काहे ?
सूचना कय हक सम्बन्धी ऐन २०६४ आप कय कौनव सार्वजनिक (सेवाप्रदायक) निकाय से होय वाला काम कारवाही कय वारे मैहा सूचना मागैक अउर पावैक अधिकार देत हय । निचे लिखा (कहेवाला) कार्यालय सार्वजनिक निकाय अन्तर्गत परत हय ।
१) संविधान अन्तर्गत के निकाय,
२) ऐनद्वारा स्थापित निकाय,
३) नेपाल सरकारद्वारा गठित निकाय
४) कानूनद्वारा स्थापित सार्वजनिक सेवाप्रदायक संगठित संस्था वा प्रतिष्ठान,
५) प्रचलित कानून मुताबिक दर्ता भवा राजनीतिक दल तथा संगठन,
६) नेपाल सरकार कय पूर्ण (पुरा) वा आंशिक (कम, आधा) स्वामित्व वा नियन्त्रण मैहा रहा वा अनुदानसे संचालित नेपाल सरकार से अनुदान प्राप्त संगठित संस्था,
७) नेपाल सरकार वा कानूनद्वारा स्थापित निकाय कौनउ सम्झौता कय गठन भवा संगठित संस्था ।
८) प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रुप से नेपाल सरकार वा विदेशी राष्ट्र वा अन्तर्राष्ट्रिय संघ÷संस्थाद्वारा रकम प्राप्त कय संचालित गैरसरकारी संघ÷ संस्था,
९) नेपाल सरकारद्वारा नेपाल राजपत्र मैहा सूचना प्रकाशित कय सार्वजनिक निकाय कहिकय तोकिन (निर्धारण) अन्य निकाय वा संस्था ।
सूचना अधिकारी कय आपने कार्यालय मैहा रहे सूचना नागरिक से मागैक समय मैहा देयक चाहि । यदि मागा गवा सूचना नाय दिहिन वा काहे नाय दिहिन उकय कारण सहित कय जानकारी देयक परत हय ।

सूचना मागैंक तरिका
सूचना मागैक खातिर मागेवाला आदमी कय सरोकार राख्खैवाला सूचना अधिकारी कय  निवेदन लिखि कय देयक परत हय । कौनव व्यक्ति (आदमी) शारिरीक अशक्त के करण वा अनपढ होय पर निवेदन नाय लिखपाय सकत हय तव उकय वात सूनिकय सूचना अधिकारी से निवेदन लिखवाय कय व्यवस्था किहा गवा हय । निवेदन लिखे से कौनव सूचना मागेवाला बात महत्तवपूर्ण हय तव प्रश्न स्पष्ट होयक चाहि ।
सब समस्या के सम्बन्ध मैहा पुछै वाला प्रश्न अलग होइ सकत हय । एक नमुना सुझाव के रुपमैहा इ बात दिया गवा हय । इके आधार मान के अपने तरिका से प्रश्न बनाइ सका जात हय । सूचना के हक मैहा नागरिक के सहयोग (सघाउ) के खातिर स्थानीय संस्था आपके नेरे होय तौ हुवाँ से भि सूचना मांग सकत हऔ । 
ड्ड    दश पेज (पन्ना) कय सूचना निःशुल्क (विनापैसा) उपलब्ध होई ।
ड्ड    अब नेपाली नागरिक कय सरकारी निकाय से हि नाहि कोनव सार्वजनिक निकायसे सार्वजनिक सरोकार कय सूचना वा अपन सरोकार कय सूचना मागैक अधिकार हय । सूचना कय नमूना परीक्षण कय सका जात हय अउर उकय नक्कल लिँहा जाय सकत हय ।
ड्ड    अव कौनव सरकारी अउर सार्वजनिक निकाय कय काम काज गुप्पे (चुपचाप) नाहि होत हय । खुलापन सामान्य अउर गोपनीयता अपवाद होत हय ।
ड्ड     सूचना दियेक खातिर प्रत्येक सार्वजनिक निकाय मैहा सूचना अधिकारी कय व्यवस्था किहा गवा हय ।

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सूचना मागेक नमुना
 आप कौनव सार्वजनिक निकाय जहाँ कौनव विषय मैहा निवेदन दय दिहे हव अउर काम मैहा दियर होत हय वा काम नाहि भय हय तव आप वही कार्यालय कय सूचना अधिकारी कैहा सम्बोधन कइ कय इमेर कय निवेदन दय सका जात हय ।
 श्री सूचना अधिकारी,
  (कार्यालय, विभाग, निकाय कय नाम अउर पता..............)
     विषय स् सूचना कय हकसम्बन्धी ऐन, २०६४ अन्तर्गत सूचना कय माग ।
हम दिनांक ‘‘‘‘‘‘मैहा इ कार्यालय (अडडा) मैहा ‘‘‘।‘।।विषय÷काम कय सम्बन्ध मैहा निवेदन दीहे रहेन । हमार उ निवेदन पर अतना देरतक सन्तोषजनक कारवाही (काम) अबहि तक नाय भवा हय । यहि मारे कृपया हमार निम्नलिखित सूचना उपलब्ध करावैक अनुरोध करतय ई निवेदन दिहे हन ।

१¬¬¬¬¬¬) हमरे निवेदन कय उपर अतना देरतक कौवन कौवन काम कारवाही भवा÷आउर कौवन  तिथि मिति मैहा करा गवा हय ?
२) हमार निवेदन कौवन कर्मचारी अउर पदाधिकारी लागे हय ? कौवन पदाधिकारी कय जिम्मा मैहा हय ? सम्बन्धित पदाधिकारी हमारे निवेदन उपर कौवन काम कारवाही किहिन हय ? उन पदाधिकारी कय नाम पद आउर उनकय टेलिफोन नम्बर कत्ता होय ?
३) आपके कार्यालय, विभाग, निकायक नियम, निर्देशिका वा नागरिक वडापत्र मुताबिक हमारे निवेदन उपर कतना समय के अन्दर काम कारवाही सम्पन्न (खतम) होई जाई ? उ नियम, निर्देशिकाक नकक्ल कय एक प्रति उपलब्ध करावा जाय ।
४) उ नियम निर्देशिका कय पालन नकरय वाले पदाधिकारी आपन पदीय दायित्व पूरा नकरे पर कारवाही होयक कौवन व्यवस्था हय कि नाहि ? हमारे निवेदन के सम्बन्ध मैहा नियम, निर्देशिका कय उल्ल्ंघन भवा हय कि नाहि ? अगर भवा हय तव नियम निर्देशिका से सम्बन्धित अधिकारी कय कौवन कारवाही भवा उ नियम कय प्रतिलिपि उपलब्ध करावा जाय ?
५) सम्बन्धित पदाधिकारीद्वारा पूरा नाहि करे के कारणसे हम शारिरीक अउर दिमागी पीडा सहे से बाध्य भय हन । इ पीडा के सम्बन्धित पदाधिकारी जिम्मेवार होय कि नाहि ? हय तव उनका कौवन दण्ड सजाय किहा जात हय ? नियम निर्देशिका मैहा कौवन मेर व्यवस्था हय वहुव कानूनके बारेम जानकारी दिहा जाय ।
उपर उल्लेख किहा गवा सूचन दिहा जाय ।
भवदीय÷निवेदक स्
निवेदक कय सही स्
निवेदक कय नाम स्
पता स्
फोन स्
तिथि स्

ड्ड    देखे कय फिस वा शुल्क  ः कौवन निकाय कार्यालय या कार्यस्थल मैहा, जानकारी, अभिलेख, लिखत, निरीक्षण, अवलोकन, लिखित, चेक जाँच अउर देखे कै आधा घण्टाके खातिर कौवन फिस नाहि लागी ।
ड्ड    सार्वजनिक पुस्ताकालय आउर सार्वजनिक रुप मैहा निःशुल्क विना पैसा दिहे वाला स्थान मैहा देखयक पैसा नाहि लागी ।

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सूचना अधिकारी कय व्यवस्था
ड्ड    सब सार्वजनिक निकायद्वारा अपने निकाय से सम्बन्धित सूचना जनता कैहा सहज रुपसे पहुँचावयक चाहि । सूचना देय खातिर  हरेक सार्वजनिक निकाय मैहा एक जने कर्मचारीकय सूचना अधिकारी तोकैक (नियुक्त) करेक चाहि ।
ड्ड    सूचना अधिकारीके, अपने निकाय मैहा रहा सूचना प्रवाहित करय के खातिर मुख्य व्यक्तिके  रुपमैहा काम करयक परी ।  सुचना अधिकारी कय अपने निकाय से सम्बन्धित सूचनाके बारेमैहा जानकारी होयवक चाहि । अपने निकाय कय सूचना संकलन कइकय अउर व्यवस्थित रुपसे रख्खकय अउर दुसर वात सूचना मागकर्ता के सुचना उपलब्ध करवायैक परत हय ।
ड्ड    कौनो सार्वजनिक निकय से सूचना अधिकारी कय नाम, पता, अउर फोन नम्बर आम जन्तन कैहा सहज तरिका उपलब्ध होये के खातिर सार्वजनिक करावयक चाहि । वही सूचना अधिकारी से आप सब सार्वजनिक निकाय से होव बाला सार्वजनिक महत्व के काम, तत्सम्बन्धी कारवाही अउर निर्णयसे सम्बन्धित लिखित, सामग्री वा जानकारी माग सकत हव ।
सार्वजनिक महत्व कहेक मतलब जादा कुल सरोकार कय विषय सडक, पुल, स्कुल, नल, अस्पताल लगायत विषय मैहा किहा निर्णय अउर योजना निर्माण अउर कार्यान्वयन तक कय विषय ।
सूचना कय अर्थ सार्वजनिक निकाय से होय वाला वा भवा सर्वजनिक महत्व कय काम अउर कारवाही वा निर्णय सै सम्बन्धित कौनव लिखित, सामग्री वा जानकारी होत हय ।
लिखत कहे के मतलब लिपिवद्ध भवा कौनो किसिमके लिखत समझयक परत हय । यी शब्द कौनो यन्त्रके माध्यम से संकलन वा अद्यावधिक भवा वा मुद्रित वा फिरसे प्रस्तुत कईसकय वाला श्रव्य—दृश्य सामग्री समेत का भी जनावत हय । 
लिखत कय आशय माने होत हय अभिलेख (च्भअयचमक, म्यअगmभलत, ःझयक) इमेल, विचार, राय, सल्लाह, पे्रस विज्ञप्ति, परिपत्र(ऋष्चअगबिचक), आदेश, लगबुक, करार (ऋयलतचबअतक), रिपोर्ट, मिसिल, (एबउभचक), वस्तुक नमुना (क्बmउभिक, ःयमभिक), इलेक्ट्रोनिक अउर डिजिटल रुपमैहा रख्खा तथ्यांक (म्बतब) तथा कोनौ कानून अन्तर्गत  सार्वजनिक निकायसे  प्राप्त होय वाला कोनो रुप मैहा रहा जानकारी कय सामग्री सब ।

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सूचना कय अद्यावधिक
सरकारी कार्यालय वा अउर सर्वजनिक निकाय कय सूचना अधिकारी से अपने निकाय से सम्बन्धित निचे लिखा सूचना कय सूचिकृत कय के राख्खयक चाहि अउर नियमित रुपमे प्रकाशित करयक चाहि ।
क) निकाय कय स्वरुप आउर प्रकृति 
ख) निकाय कय काम, कर्तव्य अउर अधिकार
ग) निकाय कय कर्मचारी संख्या अउर कार्य विवरण
घ) निकाय द्वारा प्रदान किहा जाएवाला सेवा
ङ) सेवा प्राप्त किहा जायवाला निकाय कय शाखा अउर जिम्ेमबार अधिकारी
च) सेवा प्राप्त करयक खातिर लागय वाला दस्तुर अउर अवधि
छ) निर्णय करे कय प्रक्रिया अउर अधिकारी 
ज) निर्णय उपर उजुरी सुनयवाला अधिकारी
झ) सम्पादन करा जाय वाला काम कय विवरण
ञ) सूचना अधिकारी अउर प्रमुख कय नाम अउर पद
ट) ऐन, नियम, विनियम वा निर्र्देिशका कय सूची
ठ) आम्दानी, खर्च तथा आर्थिक कारोवार सम्बन्धी अद्यावधिक विवरण
ड) आगे के आर्थिक वर्षमैहा सार्वजनिक निकायद्वारा कौनव कार्यक्रम वा आयोजना संचालन भवा होय तो उकय विवरण
द) सार्वजनिक निकय कय वेभसाइट होय तो उकय विवरण
ण) सार्वजनिक निकायकेँ प्राप्त भवा वैदेशिक सहायता ऋण, अनुदान एवं प्राविधिक सहयोग अउर सम्झौतासम्बन्धी विवरण
त) सार्वजनिक निकायद्वारा संचालित कार्यक्रम अउर प्रगति प्रातिवेदन
थ) सार्वजनिक निकायद्वारा वर्गीकरण तथा संरक्षण किहा गवा सूचना कय नामावली अउर सूचना संरक्षण निश्चित किहा गय समय अवधि
द) सार्वजनिक निकाय मैहा परा सूचना मागसम्बन्धी निवेदन अउर उके उपर सूचना दिहा गवा विषय
ध) सार्वजनिक निकाय कय सूचना संयत्र प्रकाशन भवा रहा, होय वाला सुचना कय विवरण
न) तोकेक मुताविक अन्य विवरण 
ड्ड    सूचना अधिकारीद्वारा अपन कार्यालय से भवा काम काज, कार्य विवरण, आम्दानी, खर्च अउर आर्थिक कारोवार कय तहगत विवरण, ऐन, नियम, विनियम अउर निर्देशिका सूची आदि सूचिकृत कइकय बराबर राखे कय चाही अउर मागे पर जनता के देयक चाही ।
ड्ड    उपर लिखा चिज कय सूचना मौखिक रुप से भि माग सकत हय । ओइसन प्रकृति के सूचना सम्बन्धित कार्यालय कय सूचना अधिकारीद्वारा  तीन तनि महिनामैहा  अद्याबधिक कइ कय सार्वजनिक कईदेक चाही । अतः इमेर सूचना पाटीमैहा तुरन्तय उपलब्ध हायेक चाहि ।
ड्ड    सार्वजनिक निकाय सम्भव रहा अवस्था तक सूचना कय हकसम्बन्धी ऐन लागू होयसे बीस साल पहिले तक के अपन निकाय से सम्बन्धित सूचना कय अद्यावधिक कइ कय राखेक परी, अउर जरुरत परे पर उतना पुराना सूचना नागरिक के मागे पर उपलब्ध होयक चाही ।
   
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ड्ड    याद करा जाय सूचना मागे पर निवेदन देय वाला कौनो दस्तुर नाहि लागत हय । दश पन्ना कय सूचना बिना पैसा मिलत है ।
ड्ड    आप उचित फिस (शुल्क) दयकय कौनो सार्वजनिक निर्माण कार्यकय लिखित फाइल देख सका जात हय । निमार्ण कार्य निरीक्षण कार्य कय सका जात हय । सार्वजनिक महत्व कय कौनो काम, कागजपत्र (डकुमेन्ट), अभिलेख (रेकर्ड), देख कय  जाँच (क्ष्लकउभअत) सका जात हय । डकुमेन्ट वा रेकर्ड कय टिपोट कय सका जात हय, उद्धृत अंश (भ्हतचबअत) लेब÷उद्धृत करब, प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कइकय आप कय अधिकार हय । कौनो वस्तु÷समान (ःबतभचष्बकि) कय प्रमाणित नमुना लै सका जात हय । मुद्रित, डिस्केट, पेनड्राइभ, टेप, भिडियो क्यासेट वा कौनो इलेक्ट्रोनिक रुप मैहा वा मुद्रणमार्फत सूचना प्राप्त कय सका जात हय ।
ड्ड    सूचना पावय के खातिर  निवेदन दिए के  बाद सूचना अधिकारी से निवेदन स्वीकार करवायकय रसीद वा भरपाई आप जरुर लिहा जाय ।
ड्ड    सूचना प्राप्त करय के खातिर कतना पैसा लागी उहु वात कय जानकारी सूचना अधिकारी कय देवेके परी । सूचना प्राप्त करवाके दस्तुर अगर आप कय मूल्यसे बेसी लागत हय तो आप सम्बन्धित निकय के प्रमुख वा राष्टिय सूचना आयोग समक्ष उजुरी कइकय वास्तविक मूल्यके बारेमे जानकारी कय सका जात हय ।
ड्ड    निवेदन प्राप्त होवेके बाद तुरन्त्ते उपलब्ध करावा जाय वाला सूचना है तव सूचना अधिकारीद्वारा तत्काल उपलब्ध करावयक परी औ तत्काल नाहि करेवाला हय तो निवेदन मिले कय १५दिन भितर निवेदक के जरुरत वाला सूचना उपलब्ध करावेके चाही । जे तत्काल सूचना नाय दिहिस तव सूचना अधिकारी कय कारण सहित कय जानकारी निवेदक कैहा देयक परी  ।
ड्ड    कौनो व्यक्ति कय जान–प्राणकय सुरक्षा सम्बन्धी सूचना हय तो मागेवाला समयके चौवीस घण्टा भितर उ सुचना उपलब्ध करावे कय परी ।
निवेदकद्वारा जौने स्वरुप मैहा सूचना मागा है उहि स्वरुप मैहा सूचना अधिकारी कय सम्भव भएतक देयक चाहि । लेकिन, निवेदकद्वारा मागा गवा सूचना के स्वरुप मैहा सूचना उपलब्ध कराबेके बाद सूचनाके स्रोतमे क्षति  पहुँचए कय, खराब होय कय सम्भावना हय तो सूचना अधिकारीद्वारा ओकर कारण देवेक परी अउर उपयुक्त स्वरुपमे सूचना उपलब्ध करावयक परी ।
ड्ड    सूचना प्राप्त करयके खातिर जौन निबेदन सूचना अधिकारी कय दिहा गय उ निबेदन कय परीक्षण कइकय निवेदकद्वारा माग भवा सूचना उनके लगे वा  उनके   निकाय सै सम्बन्धित नाहि हय तो निवेदक कय तत्काल जानकारी देवेके चाहि ।


पृष्ट ७

सूचना दस्तुर

सूचना प्राप्त करय के खातिर ः

ए फोर साइजकय फोटोकपि कागज मेहा पहिला १० पन्ना निःशुल्क –विनापैसा)  उके वाद प्रति पन्ना कय पाँच रुपैया । ए फोर साइज आकारके कागजमे प्रति पृष्ठ दश रुपैया । सिडि, डिस्केट अन्य विद्युतीय माध्यममे सूचना लिहे पर पच्चास रुपैया ।

इ सूचना नाहि मिल सकत है

नेपाल कय सार्वभौमसत्ता, अखण्डता, राष्ट्रिय सुरक्षा, सार्वजनिक शान्ति सुव्यवस्था या अन्तर्राष्ट्रिय सम्बन्धमे गम्भीर खलल (प्रभाव) परयवाला, अपराध कय अनुसन्धान, तहकिकात तथा अभियोजनमे प्रत्यक्ष असर परएबला, आर्थिक, व्यापारिक तथा मौद्रिक हित वा वौद्धिक सम्पत्ति कय संरक्षण वा बैंकिग वा व्यापारि गोपनियतामैहा  गम्भीर आघात परएबला, विभिन्न जातजाति वा सम्प्रदायबीच कय सुुसम्बन्धमे प्रत्यक्ष रुपमे खलल पहुँचाबे बाला, व्यक्तिक शरीर, प्राण, सम्पत्ति, स्वास्थ्य वा सुरक्षामे खतरा पहुँचावेबला सुचना ।

  भला ई सुचना
प्रवाह न कइकय उचित अउर पर्याप्त कारण रहे कय अवस्था कय छोडि कय  अउर सब सूचना प्रवाह कराबे कय दायित्वसे सार्वजनिक निकाय अलग नाहि होय सकत हय ।
सूचना नदेयपर का कय सका जात हय ?
अगर आप कय निवेदन स्वीकार नाय किहा गय, माग किहा सूचना नाहि दिहा गय, निश्चित शुल्क से  बेसी शुल्क मागा गय , आपके  निवेदन कय कोनो उत्तर नाहि दिहा गय, उचित कारणबिना सूचना देबासे इन्कार किहा गवा, झूठ, भ्रामक वा आधा सूचना दिहा गय वा जे सूचना मागा गवा हय ओ नाहि दिए है, माग किहा गवा  सूचनासे सम्बन्धित फाइल वा कागजात नष्ट कै दिहिन तो का कराजाई ?

उ अवस्था मैहा आप उ निकाय कय प्रमुखसमक्ष सात दिनके भितर उजुरी  कय सका जात हय । उ उजुरी प्राप्त भएके सात दिनके भितर प्रमुख द्वारा सूचना देवेक या नहि देवेक जानकारी  नागरिक कय देवे कय परी । उके सात दिनके भितर सूचना अधिकारीसे आप कय माग किहा गवा  सूचना प्राप्त कय सका जात है ।
ड्ड सार्वजनिक निकाय कय अभिलेखमे यह ऐनमोताबिक प्रवाह किहा  जाए सकेवाला वा नाहि प्रवाह कय सकेवाला जौन भी सुचना हय तो  ऐन अनुसार प्रवाह कइसकल जायवाला सूचना सूचना अधिकारी कय निबेदक कय माग मोताबिक सुचना उपलब्ध करावेक परी । 
ड्ड अपने कार्यालयमे रहा सूचना सब, नागरिकद्वारा माग किहा अवस्थामे सूचना अधिकारीद्वारा देखाए देवेक  चाही  अउर मागेपर देवेक चाही । यदि माग किहा गवा  सूचना नाहि दय सका जात है तो  काहे नाहि दै सका जात है ? उकय कारण सहितके जानकारी देयक कर्तव्य सूचना अधिकारी कय होय  ।

पृष्ठ ८
मोन नाहि मानत हय तो 
 प्रमुख कय निर्णयपर भी आप  सन्तुष्ट नाहि भवा गय या सात दिनके भितर आप कय सूचना प्राप्त नाहि भै तो  समय पूरा होवेक पन्द्रह दिनके भितर राष्ट्रिय सूचना आयोगसमक्ष पुनरावेदन कय सका जात हय । आयोग अपने समक्ष परा पुनरावेदन प्राप्त होयक साठ दिन कय भितर अउर उजुरी वा निवेदन कय सम्बन्धमे नियमावलीमे अन्यथा उल्ल्ेख नाहि होयक अलावा पैंतालीस दिन कय भितर आवश्यक कारवाही कय अन्तिम निर्णय करेक परत हय  ।
सार्वजनिक निकाय कय  प्रमुख वा सूचना अधिकारी मुनासिब कारणबिना सूचना नाहि दिहिन वा देवेके लिए  इन्कार करिन, आंशिक रुपमे वा गलत सूचना दिहिन वा सूचना नष्ट कइदिहेके देखल गेल अवस्थामे आयोग ओइसन  प्रमुख वा सूचना अधिकारी कय एक हजारसे पच्चीस हजार रुपैयातक जरिवाना अउर  विभागीय कारवाही कइ कय जौने पदपर रहए वह पदसे विभागीय सजायक वा कारवाही  करेके खातिर सम्बन्धित निकायमे लिखि कय पठाए सकत है ।  ।
सार्वजनिक निकाय कय प्रमुख वा सूचना अधिकारी समयमे देवेक आवश्यक रहा सूचना बिनाकारण समयपर यदि नहि उपलब्ध कराइन तो  ओकरे दिनकय  प्रति दिन दुई सओ रुपैया कय हिसावसे ओनकय  जरिवाना कए सका जात है । कौनो व्यक्ति जौने प्रयोजन अउर उद्देश्यसे सार्वजनिक निकायसे सूचना प्राप्त करे हय उही प्रयोजनमे प्रयोग नहि कइकै दुरुपयोग करे कय प्रमाणित भइल  अवस्थामे आयोग सूचना कय दुरुपयोग कय गम्भीरता देखि कय ओइसन व्यक्तिकय पाँच हजारसे पच्चीस हजार रुपैया तक जरिवाना कय सकत हय ।
ड्ड आयोग मेहा पुनरावेदन करेक खातिर स्वयं उपस्थित होइ कय वा सम्बन्धित कार्यालय वा जिल्ला प्रशासन कार्यालय मैहा दर्ता करायके वा कोनो हुलाकमार्फत सोझे पठाइ सका जात है ।
.....................
सूचना आप कय मौलिक अधिकार होय । ई अधिकार कय बारेमे विस्तृत् रुपमे जने बुझे के लिए सूचनाक हकसम्बन्धी ऐन, २०६४ आ सूचनाक हकसम्बन्धी नियमावली, २०६५ (संशोधित २०७०) देख सका जात हय । ...........................................



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