सूचना हमनी सब के अधिकार
सुशासन आ विकास के आधार
सूचना के हक काहे खातिर ?
सरकारी कर्मचारी के तनखाह आ सरकारी कार्यालय के खर्च राउर तिरल ‘कर’ से चलेला ।
बजार से कवनो समान किनला पर चाहे सेवा लेहला पर रउरा सरकार के ‘कर’ देवेनी । अपन देहल ‘कर’ कवन काम मे, कहवाँऽ आ कइसे खर्च हो रहल बा इ जाने के रुउरा अधिकार बा ।
ए कारण से कि,
लोकतन्त्र मे जनता मालिक होखेला । जनता के सेवा कइल सरकार के काम ह । सरकार अपन काम कइसे करता, रउरा बुझे के मिली । सूचना के हक (अधिकार) सरकार से हर–हिसाव आ काम के बारे मे सूचना मागें के आ जानकारी पेवे के अधिकार जनता के देवेला, आ सूचना पावेके उपायो सिखावेला । नेपाल मे सूचना के हक सम्बन्धी ऐन, २०६४ साल के भादो महिना से लागू होऽ चुकल बा ।
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सूूचनाक हक काहे ?
सूचना के हक सम्बन्धी ऐन, २०६४ रउरा के कवनो सार्वजनिक निकाय से होखेवाला काम कारवाही के सूचना मागें के आ माँगल सूचना पावे के अधिकार प्रदान कइले बा ।
निचा कहल गईल कार्यालय सार्वजनिक निकाय अन्तर्गत पडेलाः
१) संविधान अन्तर्गत के निकाय,
२) ऐन द्वारा स्थापित निकाय,
३) नेपाल सरकार द्वारा गठित निकाय
४) कानून द्वारा स्थापित सार्वजनिक सेवाप्रदायक संगठित संस्था वा प्रतिष्ठान,
५) प्रचलित कानून मोताबिक दर्ता भईल राजनीतिक दल तथा संगठन,
६) नेपाल सरकार के पूर्ण वा आंशिक स्वामित्व चाहे नियन्त्रण मे रहल वा अनुदान से संचालित नेपाल सरकार के अनुदान लेवेवाला संगठित संस्था,
७) नेपाल सरकार वा कानून द्वारा स्थापित कवनो निकाय के सम्झौता से गठन भईल संगठित संस्था ।
८) प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रुप मे नेपाल सरकार वा बिदेशी राष्ट्र चाहे अन्तराष्ट्रिय संघ–संस्था से रकम लेकर के संचालन भईल गैरसरकारी संघ–संस्था सब ।
९) नेपाल सरकार द्वारा नेपाल राजपत्र में सूचना प्रकाशित कर के सार्वजनिक निकाय कह के तोकल गईल अन्य निकाय वा संस्था ।
सूचना अधिकारी के अपन कार्यालय मे रहल सूचना नागरिक द्वारा माँगल समय मे देखावे के चाँही, देवेक चाँही । जो माँगल गइल सूचना देवेवाला ना होखे त, हे वजह से देवेके नामिली बाता के उचित आ स्पष्ट कारण सहित जानकारी देहल जेएके चाँही ।
सूचना माँगे के तरिका
सूचना माँगनिहार व्यक्तिद्वारा सम्बन्धित सूचना अधिकारी के निवेदन लिखकेऽ देवेके पडेला । जो कवनो व्यक्ति शारिरीक अशक्त वा निरक्षर भइला के कारण निवेदन नइखे लिख सकत त ओइसन व्यक्ति के बात सुन के सूचना अधिकारी हि के निवेदन लिखेके व्यवस्था मिला देवे के चाँही ।
निवेदन लिखे म कवन सूचना माँगल गइल बा इ बात महत्वपुर्ण होखेला । प्रश्न (सावाल) स्पष्ट यदी नइखे त जवाबो स्पष्ट प्राप्त ना होई । ओही से अपन प्रश्न जेतना हो सके स्पष्ट रुपसे करेके चाँही । विभिन्न विषय आ समस्या के सम्बन्ध मे पुछल जाएवाला प्रश्न फरक भी हो सकता । सुझाव के रुप मे एगो नमुना इँहवा दियाता । एकरा के आधार मान के अपना तरिका से प्रश्न बाना सक तानी । सूचना के हक के बारे मे नागरिक के सहयोग करे खातिर कवनो स्थानीय संस्था लगल होखे त सूचना माँगे के काम में ओकर सहयोग ले सकत बानी ।
ड्ड दश पृष्ठ (पन्ना) तक के सूचना निःशुल्क (बिना पैसा के) मिलेला ।
ड्ड सरकारी निकाय से मात्र ना, कवनो सार्वजनिक निकाय से भि सार्वजनिक वा अपन सरोकार के सूचना माँगे के आम नेपाली नागरिक के अधिकार ह । सूचना के अभिलेख सब परीक्षण कइल जा सकत बा, नक्कल (उतार) लेहल जा सकता ।
ड्ड अब कवनो सरकारी आ सार्वजनिक निकाय के काम गोप्य (पेसगयब) ना होखेला । खुलापन सामान्य बा आ गोपनियता अपवाद बा ।
ड्ड सूचना देवे खातिर प्रत्येक सार्वजनिक निकाय मे सूचना अधिकारी के व्यवस्था कइल गेल बा ।
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सूचना माँग कर के खातिर निवेदन के नमुना
कवनो सार्वजनिक निकाय मे जे रउरा कवनो काम वा सेवा के विषय मे निवेदन देहले बानी, आ ओ पर सुनवाइ होखे मे विलम्ब भइल होखे त सम्बन्धित कार्यालय के सूचना अधिकारी के सम्बोधन कर के अेह प्रकार के निवेदन लिख के सूचना माँग सक तानी ः
श्री सूचना अधिकारी,
(कार्यालय, विभाग, निकायक नाम आ पता)
विषय ःसूचनाक हकसम्बन्धी ऐन, २०६४ अन्तर्गत सूचना के माँग ।
हम दिनांक.................मे एह कार्यालय मे ...............विषय÷काम के सम्बन्ध मे निवेदन देहले रँही । हमर ओ निवेदन उपर अँभइतक सन्तोषजनक कारवाही आगे ना बढ सकल । अतः कृपया हमरा के निम्न लिखित सूचना उपलब्ध करावल जाए अनुरोध करत ई निवेदन देत बानी ।
१) हमर निवेदन उपर अभितक का का कारवाही भइल ? आ कवन तिथि मे कइल गइल ?
२) हमर निवेदन कवन कर्मचारी वा पदाधिकारी लगे पहुँचल ? कवन पदाधिकारी के जिम्मा मे केतना दिन हमर निवेदन रहल ? सम्बन्धित पदाधिकारी हमर निवेदन पर का कारवाही कइलन ? ओह सब पदाधिकारी के, पद आ फोन नम्बर के जानकारी दियाव ।
३) रउरा कार्यालय, विभाग, निकाय के नियम, निर्देशिका वा नागरिक वडापत्र मोताबिक हमर निवेदन पर केतना समय भितर कारवाही हो जाए के चाही ? ओइसन नियम, निर्देशिका के नक्कलक प्रति उपलब्ध करावल जाए ।
४) ओइसन नियम निर्देशिका के पालन ना करेवाला पदाधिकारी पर अपन पदीय दायित्व पूरा ना कइला खातिर कारवाही के कवनो व्यवस्था बा कि ना ? हमर निवेदन क सम्बन्ध मे नियम, निर्देशिका के उल्लंघन भइल बा कि ना ? यदी भइल बा त कवन नियम निर्देशिका मोताबिक सम्बन्धित अधिकारी के का कारवाही होइ ? ओ नियम के प्रति उपलब्ध करावल जाए ।
५) सम्बन्धित पदाधिकारी द्वारा दायित्व पूरा नाकइला से हम शारिरीक आ मानसिक पीडा सहेके बाध्य भइल बानी । ए पीडा के खातिर सम्बन्धित पदाधिकारी जिम्मेबार बाडन कि ना ? यदी बाडन त उनकारा के कवन दण्ड सजाय कइल जाई ? नियम निर्देशिका मे एह सम्बन्ध मे कइसन ब्यवस्था बा ? ओ कानूून के बारे मे जानकारी देहल जाए ।
६) हमर निवेदन उपर कहिया तक मे कारवाही होई आ हमर काम पूरा÷समस्या समाधान कहिया तक मे होई ?
उपर उल्लेख भइल सूचना दहेल जाए ।
भवदीय÷निवेदक
निवेदकक सही ः
निवेदकक नाम ः
पता ः
फोन न.ः
तिथि ः
ड्ड अवलोकन दस्तुर ः निकाय के कार्यालय या कार्यस्थल मे सूचना, अभिलेख, लिखत, निरीक्षण, अवलोकन करेके पहिला आधा घण्टा के कवनो शुल्क ना लागी । ओकरा बाद प्रतिघण्टा प्रतिव्यक्ति पचास रुपैया लागी ।
ड्ड सार्वजनिक पुस्तकालय आ सार्वजनिक रुप मे निःशुल्क उपलब्ध करावे के व्यवस्था रहल स्थान मे अवलोकन दस्तुर ना लागे ।
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सूचना अधिकारी के व्यवस्था
ड्ड कोनो सार्वजनिक निकाय द्वारा अपन निकाय से सम्बन्धित सूचना मे नागरिक के सहज पहुँच बनावे के खातिर आ माँगल गइल सूचना उपलब्ध करवावे के खातिर सूचना अधिकारी के व्यवस्था कइल जाएके चाँही ।
ड्ड अपन निकाय मे रहल सूचना प्रवाहित करे खातिर सूचना अधिकारी मुख्य व्यक्ति के रुप मे काम करेलें । सूचना अधिकारी के अपना निकाय से सम्बन्धित सूचना के जानकारी होखेके चाँही । उ एक त अपन निकाय के सब सूचना संकलन कर के व्यवस्थित राखे लें । दोसरा मे सूचना मागकर्ता के सूचना उपलब्ध करावे लें ।
ड्ड कवनो भी सार्वजनिक निकाय द्वारा सूचना अधिकारी के नाम आ सम्पर्क पता, फोन नम्बर आम नागरिक के सहज जानकारी हो सके मोताबिक सार्वजनिक कइल जाए के चाँही । ओ सूचना अधिकारी से रउरा सार्वजनिक निकाय से हाखेवाला वा सम्पन्न हो चुकल सार्वजनिक महत्व के काम, ओ सम्बन्धी कारवाही वा निर्णय से सम्बन्धित लिखत, सामग्री वा जानकारी माग सकत बानी ।
सार्वजनिक महत्व कहला से, बहुत लोग के सरोकार के विषय जइसे की रास्ता, धारा, पुल, पैनी, स्कूल, अस्पताल के विषय मे कइल गइल निर्णय से लेके योजना निर्माण आ कार्यान्वयन तक सब विषय बुझल जाला ।
सूचना के अर्थ सार्वजनिक निकाय से हाखे वाला वा भइल सार्वजनिक महत्व के काम, ओ सम्बन्धी कारवाही वा निर्णय से सम्बन्धित कवनो लिखत, सामग्री या जानकारी ह ।
लिखत कहला से लिपिबद्ध कवनो तरह के लिखत के बुझल जाए के चाँही ।
लिखतक आशय ह, अभिलेख ९च्भअयअमक, म्यअगmभलतक, ःझयक० इमेल, विचार, राय सल्लाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र ९ऋष्चअगबिचक०, आदेश, लगबुक, करार ९ऋयलतचबअतक०, रिपोर्ट, मिसिल ९एबउभचक० वस्तुु के नमुना ९क्बmउबभिक, ःयमभकि०, ‘इलेक्ट्रोनिक’ आ ‘डिजिटल’ रुप मे राखल गइल तथ्यांक ९मबतब० तथा प्रचलित कवनो कानूून अन्तर्गत सार्वजनिक निकाय से प्राप्त कइल जा सकेवाला कवनो रुप मे रहल जानकारी के सामग्री सब ।
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सूचनाक अद्यावधिक
सरकारी कार्यालय वा अन्य सार्वजनिक निकाय के सूचना अधिकारी द्वारा अपन निकाय से सम्बन्धित निचे उल्लेख भइल सूचना सूचिकृत क के राखल जेएके चाँही, आ नियमित रुप मे प्रकाशित करे के चाँही ।
क) निकाय के स्वरुप आ प्रकृति
ख) निकाय के काम, कर्तव्य आ अधिकार
ग) निकाय के कर्मचारी संख्या आ कार्य विवरण
घ) निकाय द्वारा प्रदान कइल जाए वाला सेवा
ङ) सेवा प्राप्त कइल जाए वला निकाय के शाखा आ जिम्ेमबार अधिकारी
च) सेवा प्राप्त करवावे खातिर लागेवाला दस्तुर आ समय अवधि
छ) निर्णय के प्रक्रिया आ अधिकारी
ज) निर्णय उपर उजुरी सुनेवाला अधिकारी
झ) सम्पादन कइल गइल काम के विवरण
ञ) सूचना अधिकारी आ प्रमुख के नाम आ पद
ट) ऐन, नियम, विनियम वा निर्देशिका के सूची
ठ) आमदानी, खर्च तथा आर्थिक कारेवार सम्बन्धी अद्यावधिक विवरण
ड) अगिलका आर्थिक वर्ष मे सार्वजनिक निकाय द्वारा कवनो कार्यक्रम वा आयोजना संचालन भइल होखे त ओकर विवरण
ढ) सार्वजनिक निकाय के ‘वेभसाइट’ होखे त ओकार विवरण
ण) सार्वजनिक निकाय के प्राप्त भेल वैदेशिक सहायता ऋण, अनुदान एवं प्राविधिक सहयोग आ सम्झौता सम्बन्धी विवरण
त) सार्वजनिक निकाय द्वारा संचालित कार्यक्रम आ ओकर प्रगति प्रतिवेदन
थ) सार्वजनिक निकाय द्वारा वर्गीकरण तथा संरक्षण कइल गइल सूचना के सूची आ ओ सूचना संरक्षणक खातिर निश्चित कइल गइल समयावधि
द) सार्वजनिक निकाय मे पडल सूचना माँग सम्बन्धी निवेदन आ ओपर सूचना देहल गइल विषय
ध) सार्वजनिक निकाय के सूचना सब अन्यत्र प्रकाशन भइल होखे वा हाखेवाला बा त ओकर विवरण
न) तोकल मोताबिक के अन्य विवरण
ड्ड सूचना अधिकारी द्वारा नियमित रुप मे आपन कार्यालय से सम्पादित कार्य विवरण, आम्दानी, खर्च तथा आर्थिक कारोवार के अद्यावधिक विवरण, ऐन, नियम, विनियम वा निर्देशिकाक सूची आदि सूचिकृत क के राखल जाए के चाँही आ माँग कइल गइल अवस्था मे उपलब्ध करावे के चाँही ।
ड्ड उल्लेखित विषय के सूचना मौखिक रुप मे भि माँगल जा सकता । उपर उल्लेखित सूचना सम्बन्धित कार्यालय के सूचना अधिकारी द्वारा तीन–तीन महिना मे अद्यावधिक क के सार्वजनिक कइल जाए के चाँही । अतः अइसन सूचना चोट्टे उपलब्ध होखे के ह ।
ड्ड सार्वजनिक निकाय सम्भव रहे त सूचना के हक सम्बन्धी ऐन लागु हाखे से बीस वर्ष पहिले तक अपन निकाय से सम्बन्धित सूचना अद्यावधिक क के राखे के ह । ओतना पुरान अवधि तक के सूचना नागरिक प्राप्त करे सकता ।
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ड्ड इयाद रखीँ, सूचना मागेँला निवेदन देवे मे कवनो दस्तुर ना लागे । दश पृष्ठ (पन्ना) तक सूचना निःशुल्क मिलेला ।
ड्ड रउरा, उचित शुल्क दे के कवनो सार्वजनिक निर्माण कार्य के लिखत फाइल देख सकत बानी । निर्माण कार्य के निरीक्षण कर सकत बानी । सार्वजनिक महत्व के कवनो काम, कागजपतर (डकुमेन्ट), अभिलेख (रेकर्ड), देख वा जाँच ९ क्ष्लकउभअत० कर सकत बानी । ‘डकुमेन्ट’ वा ‘रेकर्ड’ के टिपोट लेहल, उदृत अंश ९भ्हतचबअतक० लेहल ÷उदृत कइल, प्रमाणित प्रतिलिपि लेहल राउर अधिकार ह । कवनो वस्तु÷सामान ९ःबतभचष्बकि० के प्रमाणित नमुना भी ले सकत बानी । मुद्रित, डिस्केट, पेनड्राइभ, टेप, भिडियो क्यासेट वा कवनो इलेक्ट्रोनिक रुप मे वा मुद्रण मार्फत सूचना ले सकत बानी ।
सूचना पावे खातिर निवेदन देला के बाद सूचना अधिकारी से निवेदन स्वीकार करवा के रसीद वा निस्सा रउरा जरुर लेहल जाई ।
सूचना प्रदान करवे मे केतना रोपेया शुल्क लागी यि जानकारी सूचना अधिकारी द्वारा देहल जाएके चाँही । सूचना पावे के दस्तुर जे रउरा वास्तविक मूल्य से बेसी जइसन बुझाए त सम्बन्धित निकाय के प्रमुख वा राष्ट्रिय सूचना आयोग समक्ष उजुरी क के वास्तविक मूल्य के बारे मे जानकारी प्राप्त क सकत बानी ।
निवेदन प्राप्त भइला के बाद तत्काल उपलब्ध हो सके वाला सूचना बा त सूचना अधिकारी द्वारा तत्काल उपलब्ध करावे के चाँही, आ तत्काल उपलब्ध नइखे होखे वाला त निवेदन प्राप्त भइला के पन्द्रह दिन के भितर निवेदक के आवश्यक सूचना उपलब्ध हो जाए के चाँही । यदी सूचना तुरन्ते नइखे देहल जा सकत त सूचना अधिकारी द्वारा ओकर कारण सहित जानकारी निवेदक के देहल जाए के ह ।
कवनो व्यक्ति के जान—प्राण के सुरक्षा से सम्बन्धित कवनो सूचना माँगल गइल अवस्था मे सूचना अधिकारी द्वारा सूचना माँगला के चौबीस घण्टाभितर उपलब्ध करावल जाए के चाँही ।
निवेदक जवना स्वरुप मे सूचना मँगले होखे सूचना अधिकारी के चाँही जे सम्भव भइल तक उहे स्वरुप मे सूचना उपलब्ध करावल जाए । बाकिर निवेदक द्वारा माँगल गइल स्वरुप मे सूचना उपलब्ध करावे मे सूचना के स्रोत मे क्षति पहुचे के, खराब होखे के, नष्ट होखे के सम्भावना होखे त सूचना अधिकारी द्वारा ओकर कारण उल्लेख क के उपयुक्त स्वरुप मे सूचना उपलब्ध करावल जा सकत बा ।
सूचना पावे खातिर देहल गइल निवेदन परीक्षण करत मे सूचना अधिकारी यदी बुझाता जे निवेदक द्वारा माँगल सूचना ओकरा निकाय से सम्बन्धित ना ह त, ए बात के जानकारी निवेदक के तत्काल देवेके चाँही ।
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सूचना दस्तुर
सूचना प्राप्त करत मे ः
‘ए फोर साइज’ के फोटोकापी कागज मे पहिल दश पृष्ठ निःशुल्क, तेकर बाद के प्रति पृष्ठ पाँच रुपैया । ‘ए फोर’ से बाडका आकार के कागज मे प्रति पृष्ठ दश रुपैया । सिडि, डिस्केट या अन्य विद्युतीय माध्यम मे सूचना ली त पचास रुपैया शुल्क ह ।
एइसन सूचना नहिओ प्राप्त हो सकत बा ः
नेपालक सार्वभौमसत्ता, अखण्डता, राष्ट्रिय सुरक्षा, सार्वजनिक शान्ति सुब्यवस्था वा अन्तर्राष्ट्रिय सम्बन्ध मे गम्भीर खलल (प्रभाव) पडेवाला, अपराध के अनुसन्धान, तहकिकात तथा अभियोजन मे प्रत्यक्ष असर पडेवाला, आर्थिक, व्यापारिक तथा मौद्रिक हित वा वौद्धिक सम्पत्तिक संरक्षण वा बैंकिङ्ग वा व्यापारिक गोपनियता मे गम्भीर आघात पडेवाला, विभिन्न जातजाति वा सम्प्रदाय बीच के सुुसम्बन्ध मे प्रत्यक्ष रुप मे खलल पहुँचावेवाला, व्यक्तिगत गोपनियता आ व्यक्ति के शरीर, प्राण, सम्पत्ति, स्वास्थ्य वा सुरक्षा मे खतरा पहुँचावेवाला ।
बाकिर ओइसन सूचना
प्रवाह ना करेके उचित आ पर्याप्त कारण रहल अवस्था के छोडके आइसन सूचना प्रवाह करेके दायित्व से सार्वजनिक निकाय अलग ना हो सकत बा ।
सूचना ना देहल गइलापर का कइल जाइ ?
राउर निवेदन स्वीकार ना भइल, माँगल गइल सूचना ना मिलल, निश्चित से बेसी शुल्क माँगल गइल, राउर निवेदन के कवनो उत्तर ना देहल गइल, उचित कारण बिना सूचना देवे से इन्कार कइल गइल, झूठ, भ्रामक वा आधा सूचना दहल गइल वा जे सूचना माँगल बा ओ सूचना से सम्बन्धित फाइल वा कागजात नष्ट कइल गइल त का करेम ?
ओइसन अवस्था मे रउरा उहे निकाय के प्रमुखसमक्ष सात दिन के भितर उजुरी क सकत बानी । ओइसन उजुरी प्राप्त भइला के सात दिन के भितर प्रमुख द्वारा सूचना देवेके या ना देवेके जानकारी देहल जाएके ह । ओकर सात दिन के भितर सूचना अधिकारी से राउर माँगल सूचना प्राप्त हो जाएके ह ।
ड्ड सार्वजनिक निकाय क अभिलेख मे एह ऐन मोताबिक प्रवाह कइल जासकेवाला आ ना कइल जासकेवाला सूचना बा त सूचना अधिकारी के चाँही जे प्रवाह कर सकेवाला सूचना के अलग कर के निवेदक के उपलबध करावस ।
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मन ना माने त
प्रमुख के निर्णय पर भी रउरा जो सन्तुष्ट नइखी या सात दिन के भितर रउरा सूचना प्रप्त ना हो सकल त समय पूरा भइला के पन्द्रह दिन के भितर राष्ट्रिय सूचना आयोग समक्ष पुनरावेदन कइल जा सकत बा । आयोग अपना समक्ष पडल पुनरावेदन प्राप्त भइला के साठ दिन के भितर आ उजुरी वा निवेदनक सम्बन्ध मे नियमावली मे अन्यथा उल्लेख ना भएला के अलावा पैंतालीस दिन के भितर आवश्यक कारवाही क के अन्तिम निर्णय करेला ।
सार्वजनिक निकाय के प्रमुख वा सूचना अधिकारी मनासिब कारण बिना सूचना ना देले होखस, देवे मे इन्कार कइले होखस , आंशिक रुपमे (आधाछिया) वा गलत सूचना देले होखस वा सूचना नष्ट कइल देखल गइल अवस्था मे, आयोग ओइसन प्रमुख वा सूचना अधिकारी के एक हजार से पच्चीस हजार रुपैया तक जरिवाना क के, विभागीय कारवाही होखेवाला पद पर आसिन होइहें त विभागीय सजाय के खातिर सम्बन्धित निकाय मे लिख के पेठा सकत बा ।
सार्वजनिक निकाय के प्रमुख वा सूचना अधिकारी समय मे देहल आवश्यक रहल सूचना बिनाकारण समय पर जो नइखे पलब्ध करइलें त ओतना दिन के प्रति दिन दु सय रुपैया के हिसाव से उनका जरिवाना होखी । कवनो व्यक्ति जवना प्रयोजन आ उद्देश्य से सार्वजनिक निकाय से सूचना प्राप्त कइले होखस उहे प्रयोजन मे प्रयोग ना कर के दुरुपयोग कइल प्रमाणित भइल अवस्था मे आयोग सूचना के दुरुपयोग के गम्भीरता के देखके ओइसन व्यक्ति के पाँच हजार से पच्चीस हजार रुपैया तक जरिवाना क सकत बा ।
ड्ड आयोग मे पुनरवेदन करे खातिर स्वयं उपस्थित हो के, वा सम्बन्धित कार्यालय वा जिल्ला प्रशासन कार्यालय मे दर्ता करा के वा कवनो हुलाक मार्फत सोझे पेठावल जा सकत बा ।
.....................
सूचना के हक राउर मौलिक अधिकार इ । ई अधिकारक बारे मे विस्तृत् रुप मे जने बुझे खातिर सूचना के हकसम्बन्धी ऐन, २०६४ आ सूचना के हकसम्बन्धी नियमावली, २०६५ (संशोधित २०७०) देखि सकत बानी ।
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