नेपालक राष्ट्रिय अभिलेखालयमे संरक्षित विद्यापतिक नामक हस्तलिखित ग्रन्थसब
धर्मेन्द्र विह्वल
काठमाण्डूस्थित राष्ट्रिय अभिलेखालयमे एक हस्तलिलित ग्रन्थ शाखा अछि । एकरा धर्मशास्त्र शाखा, ज्योतिष शाखा, दर्शन शाखा आ तन्त्र शाखा सेहो कहल जाइत छैक । एहि शाखामे २४ हजार दू सओ ९६ टा हस्तलिखित ग्रन्थसब संरक्षित अछि । ई ग्रन्थसब ताडपत्र, वसहा कागज, नीलपत्र आदिमे लिखाएल अछि । एहि ग्रन्थसबमे कोनो पूर्ण जीर्ण, किछु अपूर्ण, आ किछु न्यून जीर्ण आ किछु सामान्य अवस्थामे अछि । एहन हस्तलिखित सामग्रीसब एक पृष्ठसँ लऽ कऽ एक हजार दू सओ पृष्ठधरिक अछि । एहने ग्रन्थसबमे किछु ग्रन्थ विद्यापतिक नामक सेहो अछि । विद्यापतिक नामक ई ग्रन्थसब कोनो मैथिली, कोनो नेवारी, कोनो संस्कृत आ कोनो अवहट्ठमे लिखल गेल अछि । मैथिली भाषाक महाकवि विद्यापतिक नामक ई ग्रन्थक संख्या एतऽ बाइस अछि । ई सब विविध विधा आ विषयसँ सम्बन्धित अछि । ई ग्रन्थसबहक एतऽ संक्षिप्तमे चर्चा करबाक प्रयास कएल जा रहल अछि । लेखकक नाम विद्यापति उल्लेख कएल गेल राष्ट्रिय अभिलेखालयमे सुरीक्षत ई हस्तलिखित ग्रन्थसबहक विस्तृत अध्ययनसँ कवि विद्यापतिक सम्बन्धमे आर व्यापक जानकारी प्राप्त कएल जा सकैत अछि ।
काठमाण्डूस्थित राष्ट्रिय अभिलेखालयमे एक हस्तलिलित ग्रन्थ शाखा अछि । एकरा धर्मशास्त्र शाखा, ज्योतिष शाखा, दर्शन शाखा आ तन्त्र शाखा सेहो कहल जाइत छैक । एहि शाखामे २४ हजार दू सओ ९६ टा हस्तलिखित ग्रन्थसब संरक्षित अछि । ई ग्रन्थसब ताडपत्र, वसहा कागज, नीलपत्र आदिमे लिखाएल अछि । एहि ग्रन्थसबमे कोनो पूर्ण जीर्ण, किछु अपूर्ण, आ किछु न्यून जीर्ण आ किछु सामान्य अवस्थामे अछि । एहन हस्तलिखित सामग्रीसब एक पृष्ठसँ लऽ कऽ एक हजार दू सओ पृष्ठधरिक अछि । एहने ग्रन्थसबमे किछु ग्रन्थ विद्यापतिक नामक सेहो अछि । विद्यापतिक नामक ई ग्रन्थसब कोनो मैथिली, कोनो नेवारी, कोनो संस्कृत आ कोनो अवहट्ठमे लिखल गेल अछि । मैथिली भाषाक महाकवि विद्यापतिक नामक ई ग्रन्थक संख्या एतऽ बाइस अछि । ई सब विविध विधा आ विषयसँ सम्बन्धित अछि । ई ग्रन्थसबहक एतऽ संक्षिप्तमे चर्चा करबाक प्रयास कएल जा रहल अछि । लेखकक नाम विद्यापति उल्लेख कएल गेल राष्ट्रिय अभिलेखालयमे सुरीक्षत ई हस्तलिखित ग्रन्थसबहक विस्तृत अध्ययनसँ कवि विद्यापतिक सम्बन्धमे आर व्यापक जानकारी प्राप्त कएल जा सकैत अछि ।
१. पुरुष परीक्षा ः ई ग्रन्थ वसहा कागजपर लिखल गेल अछि । देवनागरी लिपिमे लिखल एक सओ १९ टा पत्र अभिलेखालयमे संग्रहित अछि । प्रस्तुत कृति मूलतः कथा विधाक अछि । पुस्तकक प्रारम्भमे पद्यमे गण्ोश वन्दना कएलगेल अछि । बाँकी रचना गद्यमे अछि । चारि परिच्छेदमे विभाजित ई पुस्तकमे सम्पूर्ण कथाकँे दानवीरक कथा, दयावीरक कथा, युद्धवीरक कथा आ सत्यवीरक कथांशके विविध शीर्षकअन्तर्गत समेटल गेल अछि । संस्कृत भाषामे लिखल ई ग्रन्थ विद्यापतिक प्रभावकारी कथाकार व्यक्तित्वक परिचय दैत अछि । एकर लेखन समय शाके १७२२ अछि । एहि पुस्तकक किछु अंश मुस कुतरने अछि तथापि एकर आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए६३÷१२ अछि आ लगत संख्या द्वितीय १०२ अछि ।
२. पुरुष परीक्षा ः अभिलेखालयमे एहि शीर्षकक दोसर कृति सेहो अछि । एकर लगत संख्या द्वितीय १०८ अछि । एहि पुस्तकअन्तर्गत वसहा कागजमे देवनागरी लिपिमे लिखल एक सओ १२ पत्र अछि । कथा विधाक ई पुस्तकक आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । ई पुस्तक पहिल कृतिक प्रतिलिपि बुझाइत अछि मुदा एहिमे प्रतिलिपिकारक नाम नहि अछि ।
३. पुरुष परीक्षा ः अभिलेखालयमे एहि शीर्षकक तेसर कृति सेहो अछि । एकर लगत संख्या तृतीय ५७४ अछि । एहि पुस्तकअन्तर्गत वसहा कागजमे देवनागरी लिपिमे लिखल एक सओ पत्र अछि । कथा विधाक ई पुस्तकक आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । एकर लेखनसमय शाके १८६५ उल्लेख अछि । ई पुस्तक सेहो पहिल कृतिक प्रतिलिपि बुझाइत अछि । एहि पुस्तकक प्रतिलिपिकारमे योगनारायणक नाम अछि ।
४. पुरुष परीक्षा ः अभिलेखालयमे एहि शीर्षकक चारिम ग्रन्थ सेहो अछि । एकर लगत संख्या प्रथम १६९७ अछि । एहि पुस्तकअन्तर्गत वसहा कागजमे देवनागरी लिपिमे लिखल ८२ पत्र अछि । संस्कृतमे लिखल गेल कथा विधाक ई जिर्ण पुस्तकक आदि आ अन्त्य नहि अछि । ई पुस्तक सेहो पहिल कृतिक प्रतिलिपि प्रतीत होइत अछि । मुदा एहि पुस्तकक प्रतिलिपिकारमे ककरो नाम नहि भेटैत अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए६३÷११ अछि ।
५. पुरुष परीक्षा ः अभिलेखालयमे एहि शीर्षकक पाँचम ग्रन्थक रुपमे रहल एकर लगत संख्या छठम ४९ अछि । वसहा कागजमे देवनागरी लिपिमे लिखल एहि पुस्तकक ९७ पत्र अछि । कथा विधाक ई पुस्तक अत्यन्त जीर्ण अछि । एकर आदि आ अन्त्य उपलब्ध नहि अछि । ई पुस्तक नेवारी भाषामे प्रतिलिपि कएल गेल प्रतीत होइत अछि । मुदा एहि पुस्तकक प्रतिलिपिकारमे ककरो नाम नहि भेटैत अछि ।
६. पुरुष परीक्षा ः एकर लगत संख्या प्रथम १४९३ अछि । एहि पुस्तकअन्तर्गत वसहा कागजमे नेवारी लिपिमे लिखल गेल १३१ पत्र अछि । कथा विधाक सामान्य अवस्थामे अभिलेखालयमे रहल ई पुस्तक मूल पुरुष परीक्षाक अनुवाद बुझाइत अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए९२७÷३ अछि ।
७. पुरुष परीक्षा ः अभिलेखालयमे एहि शीर्षकक सातम ग्रन्थ सेहो उपलब्ध अछि । एकर लगत संख्या प्रथम १३२० अछि । ई पुस्तक ताडपत्रमे मैथिली भाषामे लिखल गेल अछि । एकर ३२ पत्र उपलब्ध अछि । कथा विधाक पुस्तक सामान्य अवस्थामे अछि आ एकर आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । तिरहुता लिपिमे लिखल गेल ई पुस्तकक अध्ययनसँ कवि विद्यापतिक पुरुष परीक्षाक मूल प्रति इएह अछि से प्रतीत होइत अछि आ बाँकी प्रतिसब एकरे प्रतिलिपि अछि से बुझबामे अबैत अछि ।
८. वैद्य रहस्यम् ः अभिलेखालयमे रहल एहि कृतिक लगत संख्या पञ्चम ३०८४ अछि । ई पुस्तक वसहा कागजमे लिखल गेल अछि आ एकर एक सओ पत्र अपलब्ध अछि । आयुर्वेद विषयक ई पुस्तक संस्कृत भाषामे लिखल गेल अछि । ई पुस्तक सुन्दर अवस्थामे अछि । विभिन्न रोगक आयुर्वेदिक उपचार पद्धति आ विभिन्न जडिबुटीसँ दवाई निर्माणसम्बन्धी जानकारी एहिमे अछि । प्रस्तुत पुस्तक समसामयिक आ व्यवहारोपयोगी अछि । एहि पुस्तकमे विद्यापतिकेँ ठाकुरक स्थानमे मिश्र कहि सम्बोधन कएल गेल अछि आ हुनका श्रीधरक पुत्रक रुपमे परिचित कराओल गेल अछि । एहिसँ ई पुस्तक महाकवि विद्यापतिक या आन कोनो विद्यापतिक अछि ताहिमे संशय उत्पन्न होइत अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए२१५÷५ अछि ।
९. दूर्गाभक्ति तरंगिणी ः अभिलेखालयमे रहल एहि कृतिक लगत संख्या तृतीय ७३९ अछि । ई पुस्तक वसहा कागजमे देवनागरी लिपिमे लिखल गेल अछि । एकर ९४ पत्र अपलब्ध अछि । सुन्दर अवस्थामे रहल एहि पुस्तककेँ मुस किछु कुतरने तऽ अछि मुदा एकर आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । संस्कृत भाषाक ई पुस्तक देवी भागवत्पर आधारित अछि । एहिमे विस्तृत रुपमे नवदूर्गा पूजा पद्धतिक उल्लेख अछि । एहि पुस्तकक अन्त्यमे मिथिला देशीय ब्राम्हणद्वारा लिखल गेल बात उल्लेख अछि । एहिपुस्तकक प्रतिलिपिकार नेपलक ललितपुरनिवासी ब्राम्हण श्री नीलकण्ठ छथि से उल्लेख अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए४७८÷१४ अछि ।
१०. दूर्गाभक्ति तरंगिणी ः अभिलेखालयमे रहल एहि कृतिक लगत संख्या प्रथम १०७४ अछि । ई पुस्तक वसहा कागजमे नेवारी लिपिमे लिखल गेल अछि । एकर १०४ पत्र उपलब्ध अछि । सामान्य अवस्थामे रहल ई पुस्तक प्रथम पुस्तकक नेवारी अनुवाद रहल प्रतीत होइत अछि । एकर प्रतिलिपिकारक सम्बन्धमे कोनो जानकारी नहि अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर बी १२८÷११ अछि ।
११. विद्यापति गीत ः अभिलेखालयमे रहल एहि शीर्षकक पुस्तकक लगत संख्या तेसर ७३८ अछि । ताडपत्रमे लिखल गेल एहि पुस्तकमे मिथिलाक्षरक प्रयोग अछि । एहिमे १०८ पत्र संग्रहित अछि । संगीतविषयक ई पुस्तक सामान्य अवस्थामे अछि मुदा एकर आदि आ अन्त्य अपूर्ण अछि । एकर १०४ पत्र हेराएल अछि । गीतगोवीन्द शैलीक गीतशास्त्रक १०५ पत्रधरि मूल ग्रन्थ आ १०६ सँ पंजिका अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए १२÷१६ अछि ।
१२. विद्यापति गीत ः अभिलेखालयमे रहल एहि शीर्षकक दोसर पुस्तकक लगत संख्या चतुर्थ २५२ अछि । ताडपत्रमे लिखल गेल एहि पुस्तकमे सेहो मिथिलाक्षरक प्रयोग अछि । एहिमे १०९ पत्र संग्रहित अछि । संगीतविषयक ई पुस्तक सामान्य अवस्थामे अछि आ एकर आदि आ अन्त्य प्रायः पूर्ण अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए २१÷१ अछि ।
विद्यापतिक गीतकेँ विद्यापति पदावली सेहो कहल जाइत अछि । विद्यापतिक पदावलीक जतऽ बात अबैत छैक, ओतऽ मूलतः तीनटा स्रोतक बात कएल जा सकैत अछि । नेपालक राष्ट्रिय अभिलेखालयक अतिरिक्त किछु पदावली आओर उपलब्ध अछि जे तरौनी अभिलेखक नामसँ परिचित अछि । तरौनीमे प्राप्त गीतसब सेहो ताडपत्रपर मिथिलाक्षरमे लिखल गेल अछि । एकर अतिरिक्त किछु गीत बंगलादेशक ढाका विश्वविद्यालयक पुस्तकालयमे उपलब्ध अछि । इहो ताडपत्रपर मिथिलाक्षरमे लिखलगेल अछि । ई हस्तलिखित ग्रन्थ एहि पुस्तकालयमे महत्वकसँग सुरक्षित ढंगसँ राखलगेल अछि ।
१३. कीर्तिपताका ः एकर लगत संख्या पञ्चम १३८० अछि । वसहा कागजपर देवनागरी लिपिमे लिखल गेल एहि पुस्तकक १६ पत्र उपलब्ध अछि । काव्य विषयक ई पुस्तक सामान्य अवस्थामे रहल अछि । एकर आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । संस्कृत भाषामे अनुष्टुप छन्दक ३६० टा श्लोक एहिमे अछि । ई पुस्तक राजाक प्रशस्तिमे तैयार कएल गेल अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए ३७०÷१ अछि ।
१४. कीर्तिपताका ः एहि शीर्षकक दोसर पुस्तकक लगत संख्या प्रथम १०७७ अछि । ताडपत्रपर मैथिली लिपिमे लिखल गेल एहि पुस्तकक १६ पत्र उपलब्ध अछि । काव्य विषयक ई पुस्तक अत्यन्त जीर्ण आ बीचमे खण्डित अछि । ई पुस्तक राजाक प्रशस्तिमे तैयार कएल गेल अछि ।
उपर्युक्त दुनु कृतिमे कोन मूल आ कोन अनुदित अछि से कहब कठीन अछि । दुनुमे समान आ असमान कि कि अछि ताहि बातक निश्चय विस्तृत अध्ययनक बाद मात्र भऽ सकैए ।
१५. दानवाक्यावली ः एहि शीर्षकक चारिटा पुस्तक अभिलेखालयमे अछि । पहिल पुस्तकक लगत संख्या पञ्चम १३९१ अछि । वसहा कागजपर लिखल गेल एहि कृतिक लेखनमे कतौ देवनागरी आ कतौ नेवारी लिपिक मिश्रित प्रयोग अछि । एकर ८६ टा पत्र उपलब्ध अछि । धर्मशास्त्र विषयक ई पुस्तक सुन्दर अवस्थामे अछि । एकर आदि आ अन्त्य सेहो पूर्ण अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर बी ४१३÷१ अछि ।
१६. दानवाक्यावली ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि शीर्षकक दोसर पुस्तकक लगत संख्या प्रथम १२३४ अछि । वसहा कागजपर लिखल गेल एहि कृतिक लेखन देवनागरी लिपिमे भेल अछि । एकर १४५ टा पत्र उपलब्ध अछि । धर्मशशास्त्र विषयक ई पुस्तक बीचमे खण्डित अछि । एकर लेखन समय ने.स. ७९४ उल्लेख अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर बी ४१३÷१ अछि ।
१७. दानवाक्यावली ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि शीर्षकक तेसर पुस्तकक लगत संख्या प्रथम १३२० अछि । ताडपत्रपर लिखल गेल एहि कृतिक लेखन मिथिलाक्षरमे कएल गेल अछि । एकर १४५ टा पत्र उपलब्ध अछि । धर्मशास्त्र विषयक ई पुस्तक प्रायः पूर्ण अछि । एकर माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए ५० अछि ।
१८. दानवाक्यावली ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि शीर्षकक चारिम पुस्तकक लगत संख्या प्रथम ९२० अछि । ताडपत्रपर मिथिलाक्षरमे लिखल गेल एहि पुस्तकअन्तर्गत १३७ टा पत्र उपलब्ध अछि । धर्मशास्त्र विषयक पंजिकासहितक ई पुस्तक १२८ धरि मूल ग्रन्थ अछि आ तकरबादक भाग खण्डित अछि । वि. स. ५२२ मे लिखल उल्लेख भेल एहि पुस्तकक माइक्रोफिल्म रिल नम्बर बी ३३÷११ अछि ।
१९. गोरक्षविजय नाटक ः लगत संख्या प्रथम १६९७, ३÷५ रहल ई पुस्तक मिथिलाक्षरमे ताडपत्रपर लिखल गेल अछि । एकर १२ पत्र उपलब्ध अछि । नाटक विषयक ई पुस्तक बीचमे खण्डित अछि । लेखनसमय वि. स. ४९५ रहल एहि पुस्तकक अन्त्यमे महाराजाधिराज शिवसिंह देवक आज्ञासँ राजपण्डित विद्यापतिद्वारा लिखल गेल बात उल्लेख अछि । एहि पुस्तकक माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए१३६९ ÷६ अछि ।
२०. कीर्तिलता ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि पुस्तकक लगत संख्या चतुर्थ १०७७ अछि । ई पुस्तक ताडपत्रपर मिथिलाक्षरमे लिखल गेल अछि । एकर ३७ पत्र उपलब्ध अछि । सामान्य अवस्थामे रहल कविता विधाक ई पुस्तक चतुर्थ स्तवकधरि मात्र अछि । एहि पुस्तकक माइक्रोफिल्म रिल नम्बर बी १६÷१ अछि ।
२१. कीर्तिलता ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि शीर्षकक दोसर पुस्तकक लगत संख्या प्रथम १४९८ अछि । ई पुस्तक वसहा कागजपर नेवारी लिपिमे लिखल गेल अछि । एकर २८ पत्र उपलब्ध अछि । पहिल कीर्तिलताक नेवारी रुपान्तरण बुझाएबला कविता विधाक एहि पुस्तकक आदि आ अन्त्य अपूर्ण अछि । एहि पुस्तकक माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए ३७६÷२१ अछि ।
२२. माधवनल कथा ः अभिलेखालयमे उपलब्ध एहि शीर्षकक पुस्तकक लगत संख्या प्रथम १३२० अछि । ई पुस्तक ताडपत्रपर मिथिलाक्षरमे लिखल गेल अछि । एकर १७ पत्र उपलब्ध अछि । कथा विधाक एहि पुस्तकक आदि आ अन्त्य पूर्ण अछि । ई सामान्य अवस्थामे अछि । एकर लेखनसमय वि.स. ५४२ उल्लेख अछि । एहि पुस्तकक माइक्रोफिल्म रिल नम्बर ए १३÷१२ अछि ।
सन्दर्भ सामग्री
१. उपाध्याय जगन्नाथ, हिमालय टाइम्स, २०५३ मार्ग ८
२. विह्वल धर्मेन्द्र, हिमालय टाइम्स, २०५३ मार्ग ८
३. राष्ट्रिय अभिलेखालय, काठमाण्डू
४. ढाका विश्वविद्यालय पुस्तकालय, ढाका, बंगलादेश
५. विद्यापतीय साहित्य
६. श्रीश, झा दुर्गानाथ, मैथिली साहित्यक इतिहास
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